प्रतिकूल दवा प्रतिक्रिया’ पर स्वास्थ्यकर्मियों और मरीजों को जागरूक करने का लक्ष्य
सैफई (इटावा) : उत्तर प्रदेश आयुर्विज्ञान विश्वविद्यालय, सैफई में भारतीय भेषज संहिता आयोग राष्ट्रीय समन्वयक केंद्र फार्माकोविजिलेंस प्रोग्राम ऑफ इंडिया के तत्वावधान में बुधवार को पाँचवाँ राष्ट्रीय फार्माकोविजिलेंस सप्ताह प्रारंभ हुआ। कार्यक्रम का उद्घाटन विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर डॉ अजय सिंह ने किया। उन्होंने कहा कि रोगी सुरक्षा सुनिश्चित करने हेतु प्रतिकूल दवा प्रतिक्रिया (एडीआर) की रिपोर्टिंग संस्कृति का सशक्त निर्माण आज की सबसे बड़ी आवश्यकता बन चुका है। कुलपति ने फार्माकोविजिलेंस को स्वास्थ्य सेवा में गुणात्मक सुधार की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम बताया।

कुलपति प्रो. डॉ अजय सिंह ने स्वास्थ्यकर्मियों से विशेष अपील की कि वे एडीआर रिपोर्टिंग में पूरी सक्रियता से भाग लें और मरीजों को भी प्रतिकूल दवा प्रतिक्रियाओं के प्रति सजग बनाएं। उनका कहना था कि इससे न केवल मरीजों की सुरक्षा सुनिश्चित होगी, बल्कि स्वास्थ्य सेवा की गुणवत्ता में भी सुधार आएगा।
कार्यक्रम के दौरान फार्माकोविजिलेंस मॉनिटरिंग सेंटर कोऑर्डिनेटर व फार्माकोलॉजी विभाग की प्रमुख प्रोफेसर डॉ आशा पाठक ने विस्तारपूर्वक समझाया कि प्रतिकूल दवा प्रतिक्रिया (एडीआर) के तहत किन-किन लक्षणों पर सजग होना चाहिए।

उन्होंने बताया कि यदि किसी व्यक्ति को दवा, टीका, सिरप, इंजेक्शन, मलहम आदि के सेवन के बाद चकत्ते, दाने, चक्कर आना, बार-बार उल्टी, भूख न लगना, बेचैनी, नींद न आना जैसे लक्षण अनुभव हों तो तुरंत एडीआर रिपोर्टिंग करनी चाहिए। इसके लिए मरीज सुबह 10 बजे से दोपहर 1 बजे तक फार्माकोविजिलेंस ओपीडी कक्ष संख्या 02 में जाकर परामर्श ले सकते हैं। इसके अतिरिक्त, मरीज 9410646131 पर कॉल या व्हाट्सएप करके तथा टोल फ्री नंबर 1800180 3024 (सुबह 9 बजे से शाम 5:30 बजे तक) पर कॉल कर भी एडीआर की रिपोर्टिंग करवा सकते हैं। इसके अलावा फार्माकोविजिलेंस सेंटर,फार्माकोलॉजी विभाग, द्वितीय तल, एकेडमिक ब्लॉक, उत्तर प्रदेश आयुर्विज्ञान विश्वविद्यालय सैफई में जाकर भी संपर्क किया जा सकता है।

कार्यक्रम में विश्वविद्यालय के प्रतिकुलपति प्रोफेसर (डॉ) रामाकांत यादव, संकायाध्यक्ष प्रोफेसर (डॉ) आदेश कुमार, चिकित्सा अधीक्षक प्रोफेसर (डॉ) एसपी सिंह ने अपने विचार व्यक्त किए। साथ ही फार्माकोलॉजी विभागाध्यक्ष प्रोफेसर (डॉ) आलोक दीक्षित, प्रोफेसर (डॉ) चंद्रवीर, एसोसिएट प्रोफेसर (डॉ) अर्पित सहित अन्य संकाय सदस्य, मेडिकल छात्र-छात्राएं भी उपस्थित रहे।
