सैफई (इटावा) : उत्तर प्रदेश आयुर्विज्ञान विश्वविद्यालय, में 29 और 30 अगस्त को दो दिवसीय 18 वां यूपीटीबीसीसी-कॉन 2025 आयोजित होगा। रेस्पिरेटरी मेडिसिन विभाग द्वारा आयोजित इस राष्ट्रीय सम्मेलन में देशभर के प्रतिष्ठित श्वसन रोग विशेषज्ञ शामिल होंगे। कुलपति प्रो. (डॉ.) अजय सिंह ने कहा कि विश्वविद्यालय के लिए यह आयोजन गौरवपूर्ण है। “टीबी मुक्त भारत अभियान को सफल बनाना हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है। यूपीयूएमएस द्वारा गोद लिए गए उझियानी ग्राम को टीबी मुक्त घोषित किया जा चुका है। हमारे चिकित्सक ‘निक्षय मित्र’ बनकर अब तक 100 से अधिक टीबी रोगियों को गोद ले चुके हैं और यह अभियान निरंतर जारी है।”
किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी के रेस्पिरेटरी मेडिसिन विभागाध्यक्ष व नॉर्थ जोन जेटीएफ चेयरमैन डॉ. सूर्यकांत त्रिपाठी ने कहा कि यह सम्मेलन टीबी रोगियों के उपचार प्रबंधन को नई दिशा देगा और चिकित्सकों को उन्नत तकनीकों से लाभान्वित करेगा।

रेस्पिरेटरी मेडिसिन विभागाध्यक्ष एवं उत्तर प्रदेश टास्क फोर्स कमेटी के वाइस चेयरमैन प्रो. (डॉ.) आदेश कुमार ने बताया कि यह आयोजन उत्तर प्रदेश क्षय रोग संघ के तत्वावधान में हो रहा है। उन्होंने कहा कि टीबी एसोसिएशन ऑफ इंडिया की स्थापना 1939 में हुई थी, जिसकी प्रांतीय शाखा उत्तर प्रदेश टीबी एसोसिएशन इस सम्मेलन की प्रमुख आयोजक है। इस संघ की प्रेसिडेंट राज्यपाल श्रीमती आनंदीबेन पटेल हैं, जबकि प्रांतीय चेयरमैन यूपीयूएमएस के पूर्व निदेशक व डॉ. बी.सी. राय अवार्ड से सम्मानित प्रो. (डॉ.) राजेंद्र प्रसाद हैं।
उन्होंने बताया कि 29 अगस्त को एक दिवसीय कार्यशाला और 30 अगस्त को वैज्ञानिक सत्र होंगे। इसमें देशभर के विशेषज्ञ टीबी उन्मूलन, अस्थमा, फेफड़ों का कैंसर, स्लीप मेडिसिन सहित श्वसन चिकित्सा के मूलभूत, उन्नत व नवीनतम पहलुओं पर चर्चा करेंगे। प्रो. (डॉ.) आदेश कुमार के अनुसार, “यह सम्मेलन चिकित्सकों को नए कौशल, शोध प्रस्तुति और विशेषज्ञों के साथ संवाद का अवसर प्रदान करेगा, जो टीबी उन्मूलन मिशन को गति देगा।”
