सैफई : इटावा की प्रसिद्ध समाजसेवी, साहित्यकार एवं कवयित्री ऋचा राय की नवीन काव्य-रचना ‘किसलय’ का लोकार्पण बलरामपुर गार्डन, लखनऊ में आयोजित ‘राष्ट्रीय पुस्तक मेला’ में संपन्न हुआ।
लोकार्पण समारोह में एलजी गुर्जर (भूतपूर्व सैनिक व वरिष्ठ साहित्यकार), डॉ. रामनरेश यादव (पूर्व प्राचार्य, बछरावां डिग्री कॉलेज), पी.एन. यादव (सीनियर ऑफिसर, सचिवालय व वरिष्ठ साहित्यकार), मनोहर कुमार सिन्हा (पूर्व प्रबंधक, सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया व वरिष्ठ साहित्यकार), डॉ. मिथिलेश दीक्षित (साहित्य भूषण), प्रो. हरिशंकर मिश्रा (लखनऊ विश्वविद्यालय), मोहन मुरारी शर्मा (अध्यक्ष, विश्व साहित्य सेवा ट्रस्ट, आगरा) और डॉ. अमिता दुबे (संपादक, उत्तर प्रदेश हिंदी संस्थान, लखनऊ) की गरिमामयी उपस्थिति रही। लेखिका ऋचा राय ने बताया कि उनकी काव्य-पुस्तक ‘किसलय’ प्रेरणा गीतों एवं कविताओं का संकलन है, जो विद्यार्थियों को विभिन्न रूपों में प्रेरणा प्रदान करने का माध्यम है। उन्होंने कहा कि कविताएँ अत्यंत सरल-सहज शैली में हृदय परिवर्तन की आधारशिला निर्मित करती हैं और विद्यार्थियों के नैतिक व समग्र व्यक्तित्व विकास में सहायक होती हैं। स्वतंत्रता संग्राम के संदर्भ देते हुए उन्होंने याद दिलाया कि भारतीय मनीषियों ने अपनी काव्यकृतियों के माध्यम से जनमानस में राष्ट्र के प्रति कर्तव्यबोध जगाने का कार्य किया था। उन्हें आशा है कि ‘किसलय’ की कविताएँ विद्यार्थियों को वैचारिक नवीनता प्रदान करेंगी।
विश्व साहित्य सेवा ट्रस्ट के अध्यक्ष मोहन मुरारी शर्मा ने कहा कि ‘किसलय’ पाठकों द्वारा सराही जा रही है और विशेषकर शिक्षकों व छात्रों से इसे सकारात्मक प्रतिक्रिया मिली है।
लोकार्पण कार्यक्रम में वेद प्रकाश राय (ज्वाइंट सेक्रेटरी, बेसिक शिक्षा), जे.बी. सिंह (पूर्व जिलाधिकारी, इटावा), प्रो. डॉ. आदेश कुमार (डीन, चिकित्सा विश्वविद्यालय, सैफई), राकेश सिंह (बेसिक शिक्षा अधिकारी, अलीगढ़), नवाब वर्मा (खंड शिक्षा अधिकारी, सैफई) सहित अनेक साहित्यकार, कवि-कवयित्रियाँ और साहित्यप्रेमी उपस्थित रहे तथा उन्होंने रचनाकार को बधाई दी।
ऋचा राय इटावा में गत 15 वर्षों से सामाजिक उत्थान के कार्यों तथा हिन्दी साहित्य सेवा से जुड़ी हुई हैं। ‘किसलय’ उनकी चौथी कृति है। इससे पूर्व उनकी पुस्तकें ‘अदृश्य शत्रु’, ‘जीवन तेरा परिचय क्या है’ और ‘ऋचा रश्मियां’ भी पाठकों द्वारा सराही जा चुकी हैं।
