सैफई (इटावा) : आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे के चैनल नंबर 77 मैनपुरी जिले में हुए हादसे के बाद अपर नगर मजिस्ट्रेट राजेश कुमार जायसवाल को सुबह करीब 9 बजे यूपीईडा की टीम सैफई स्थित उत्तर प्रदेश आयुर्विज्ञान विश्वविद्यालय के इमरजेंसी ट्रॉमा सेंटर लेकर पहुँची। शुरू में उनकी पहचान स्पष्ट नहीं हो पाई, लेकिन थोड़ी देर बाद सूचना फैलते ही अफसरों का जमावड़ा लगना शुरू हो गया। डिप्टी एमएस डॉ. विश्व दीपक और डॉ. विवेक चौधरी ने जांच के बाद उन्हें मृत घोषित किया। शव को विश्वविद्यालय की मोर्चरी में रखवाया गया।

सुबह 11 बजे से प्रशासनिक अधिकारी सैफई पहुँचने लगे। सबसे पहले एसडीएम सैफई सिद्धार्थ चौधरी, तहसीलदार जावेद अंसारी और प्रभारी निरीक्षक भूपेंद्र सिंह राठी ट्रॉमा सेंटर पहुँचे। इसके बाद सिटी मजिस्ट्रेट इटावा राजेंद्र प्रसाद और एएसपी ग्रामीण श्रीशचंद भी मौजूद रहे। मैनपुरी के डीएम अंजनी सिंह मौके पर पहुँचे, वहीं दोपहर तक आगरा के कमिश्नर शैलेंद्र सिंह और डीएम आगरा भी सैफई पहुँचे। इसी दौरान इटावा के डीएम शुभ्रांत शुक्ला और एसएसपी बृजेश कुमार श्रीवास्तव भी सैफई पहुँचे और पूरे मामले की जानकारी ली।

इस बीच लखनऊ से मृतक की पत्नी अलका जायसवाल, बेटा आर्यन 25 बर्षीय और बेटी अनुष्का 27 बर्षीय सैफई पहुँचे। शव देखते ही स्वजन फूट-फूटकर रो पड़ा। पत्नी अलका ने उच्च अधिकारियों के सामने कार चालक पंकज कुमार शर्मा को हादसे का जिम्मेदार ठहराया और कहा कि वह शराब का आदी था। अलका ने कहा, “साहब सुबह नींद में बीच की सीट पर सो रहे थे। चालक की लापरवाही से यह बड़ा हादसा हुआ। इसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए।”

इटावा जिले के प्रभारी मंत्री धर्मवीर प्रजापति भी वीवीआईपी गेस्ट हाउस सैफई पहुँचे और स्वजनों से मिलकर संवेदना व्यक्त की। उन्होंने मृतक की पत्नी को मुख्यमंत्री से मुलाकात कराने का भरोसा दिया और हर संभव मदद करने का आश्वासन दिया। परिजनों ने शांतिपूर्ण ढंग से अपनी बातें अधिकारियों के सामने रखीं।

राजेश कुमार जायसवाल मूल रूप से देवरिया जनपद के कोतवाली सदर क्षेत्र के बरहज बाजार के निवासी थे। वर्तमान में वे परिवार सहित लखनऊ के गोमतीनगर, गायत्री पुरम (मंदिर के पास) में रहते थे। उनके शव का पंचनामा और पोस्टमार्टम की कार्रवाई सैफई में ही कराई गई। शाम 5:30 बजे शव स्वजन सैफई से लखनऊ के लिए लेकर रवाना हो गए।
