सैफई (इटावा) : “यह ग्रामीण क्षेत्र का इकलौता विश्वविद्यालय है, यहां आने वाले अधिकांश मरीज गांव से होते हैं। हमारा संकल्प है कि उन्हें शहर जैसी आधुनिक स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराएं। विश्वविद्यालय को चिकित्सा, शोध और शिक्षा के क्षेत्र में राष्ट्रीय स्तर पर अग्रणी संस्थान के रूप में स्थापित करेंगे। सैफई के वरिष्ठ पत्रकार वी पी सिंह यादव से खास बातचीत में उत्तर प्रदेश आयुर्विज्ञान विश्वविद्यालय, सैफई के नए कुलपति डॉ. अजय सिंह ने कार्यभार संभालते ही बदलाव के संकेत देते हुए कहा कि पारदर्शिता, अनुशासन और मरीज-केंद्रित व्यवस्था उनकी प्राथमिकता होगी। उन्होंने अस्पताल की अधूरी परियोजनाओं, खाली पदों की भर्ती, मरीजों की सुविधाओं और प्रशासनिक पारदर्शिता पर विस्तार से बात की।

प्रश्न 1: कार्यभार संभालते ही आपकी प्राथमिकताएं क्या हैं?
उत्तर: शैक्षणिक, प्रशासनिक और चिकित्सा—तीनों व्यवस्थाओं में पारदर्शिता और कार्यकुशलता लाना। मरीजों को बेहतर सुविधाएं देना, लंबित परियोजनाओं को समयबद्ध तरीके से पूरा करना, और स्टाफ की जिम्मेदारियां स्पष्ट करना।
प्रश्न 2: 500 बेड का सुपर स्पेशलिटी अस्पताल उद्घाटन के बाद भी पूर्ण रूप से चालू क्यों नहीं हो पाया?
उत्तर: यह हमारी शीर्ष प्राथमिकता है। वर्तमान में ओपीडी सेवा चालू है, एमआरआई और एक्स-रे मशीनें लग चुकी हैं, फर्नीचर आ चुका है। अब इनडोर और इमरजेंसी सेवाएं जल्द शुरू करेंगे।
प्रश्न 3: वर्षों से निर्माणाधीन 300 बेड का गायनी अस्पताल कब तक शुरू होगा?
उत्तर: यह परियोजना क्षेत्र के लिए अत्यंत आवश्यक है। बजट स्वीकृत है और राजकीय निर्माण निगम को सख्त निर्देश दिए हैं कि तय समय में निर्माण कार्य पूरा करें।
प्रश्न 4: विश्वविद्यालय में कई महत्वपूर्ण पद लंबे समय से खाली हैं, भर्ती पर क्या योजना है?
उत्तर: नर्सिंग ऑफिसर समेत सभी पदों की भर्ती लोक सेवा आयोग के माध्यम से होगी, ताकि पूरी प्रक्रिया पारदर्शी रहे। रेडियोलॉजिस्ट जैसे आवश्यक पदों की नियुक्ति भी प्राथमिकता पर की जाएगी।
प्रश्न 5: ट्रॉमा सेंटर की एमआरआई मशीन खराब होने से मरीजों को परेशानी है।
उत्तर: नई मशीन के लिए बजट स्वीकृत हो चुका है, समिति गठित कर दी गई है, खरीदारी प्रक्रिया शुरू हो गई है। जल्द ही मरीजों को राहत मिलेगी।

प्रश्न 6: निजी प्रैक्टिस की शिकायतें समय-समय पर आती रही हैं।
उत्तर: निजी प्रैक्टिस पूरी तरह प्रतिबंधित है। यदि कोई चिकित्सक इस नियम का उल्लंघन करता पाया गया तो तत्काल और सख्त कार्रवाई की जाएगी।
प्रश्न 7: परीक्षा नियंत्रक और कुलसचिव जैसे अहम पद खाली हैं।
उत्तर: कुलसचिव की नियुक्ति के लिए शासन को प्रस्ताव भेजेंगे। परीक्षा नियंत्रक का पद शासन स्तर से भरा जाता है, इसके लिए पत्राचार होगा।
प्रश्न 8: मरीजों के लिए दवाओं की उपलब्धता को लेकर क्या सुधार होंगे?
उत्तर: अमृत फार्मेसी और जन औषधि केंद्र परिसर में स्थापित किए जाएंगे, ताकि गुणवत्तापूर्ण और सस्ती दवाएं यहीं उपलब्ध हों। दवाओं की सप्लाई चेन मजबूत रखी जाएगी, जिससे किसी भी समय कमी न हो।

प्रश्न 9: परचेज यूनिट जैसे वित्तीय निर्णय वाले पदों पर चिकित्सकों की तैनाती पर आपकी राय?
उत्तर: प्रशासनिक विषयक पदों पर योग्य प्रशासनिक अधिकारियों की नियुक्ति जरूरी है। इस दिशा में शासन को पत्र लिखेंगे।
प्रश्न 10: विश्वविद्यालय में संवाद और पारदर्शिता के लिए क्या कदम उठाए जाएंगे?
उत्तर: ग्रीवेंस सेल और ‘ओपन हाउस’ शुरू करेंगे, जहां छात्र, फैकल्टी और कर्मचारी सीधे अपनी समस्याएं और सुझाव रख सकेंगे।
प्रश्न 11: रक्त जांच और अन्य पैथोलॉजी सेवाओं में हो रही असुविधा को कैसे दूर करेंगे?
उत्तर: ट्रॉमा सेंटर, ओपीडी और अन्य बिल्डिंगों में अलग-अलग कलेक्शन सेंटर स्थापित करेंगे, ताकि मरीजों को नमूना लेकर इधर-उधर न जाना पड़े। रिपोर्ट की डिलीवरी भी पूरी डिजिटल माध्यम से करने की योजना है।

