सैफई (इटावा) : उत्तर प्रदेश आयुर्विज्ञान विश्वविद्यालय, सैफई में बुधवार को विशेष रूप से “एडिक्शन ट्रीटमेंट फैसिलिटी” (एडिक्शन क्लीनिक) का शुभारंभ किया गया। कुलपति प्रो. (डॉ.) अजय सिंह ने कार्यक्रम का उद्घाटन करते हुए कहा कि नशे की लत समाज के लिए एक गंभीर चुनौती बन चुकी है। इस क्लीनिक का उद्देश्य नशे से जूझ रहे लोगों को बेहतर उपचार और परामर्श उपलब्ध कराना है, ताकि वे नशा मुक्त जीवन की ओर बढ़ सकें। यह सुविधा एम्स दिल्ली के मार्गदर्शन में संचालित होगी और भविष्य में इसे सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय से अनुदान भी मिलेगा।

कुलपति ने कहा कि एडिक्शन (लत) दरअसल एक जटिल मस्तिष्क रोग है, जिसमें व्यक्ति किसी पदार्थ या व्यवहार को छोड़ नहीं पाता, भले ही इसके दुष्परिणाम कितने भी गंभीर हों। शराब, ड्रग्स, इंटरनेट, जुआ जैसी लतें व्यक्ति के स्वास्थ्य के साथ-साथ उसके रिश्तों और करियर पर भी बुरा असर डालती हैं। उन्होंने उम्मीद जताई कि विश्वविद्यालय की यह पहल समाज को नशा मुक्त बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण योगदान देगी।
इस क्लीनिक के नोडल अधिकारी डॉ. कौस्तभ कुंडू ने बताया कि “एडिक्शन ट्रीटमेंट फैसिलिटी” प्रत्येक बुधवार दोपहर 2 बजे से 4 बजे तक 500 बेड सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल के प्रथम तल स्थित कक्ष संख्या 1145 में संचालित होगी। यहां मनोचिकित्सक परामर्श, दवाइयाँ और पारिवारिक सहयोग के माध्यम से मरीजों को नशे की लत से बाहर निकलने में मदद मिलेगी।

उन्होंने कहा कि नशे की लत, अत्यधिक मोबाइल फोन का उपयोग, तनाव, अवसाद और चिंता जैसी स्थितियाँ भी एडिक्शन को बढ़ावा देती हैं। ऐसे लोग क्लीनिक में आकर चिकित्सकीय परामर्श और आवश्यक उपचार प्राप्त कर सकते हैं। डॉ. कुंडू ने यह भी बताया कि यदि कोई संस्था, स्कूल या कॉलेज नशा मुक्ति जागरूकता कार्यक्रम आयोजित करना चाहता है तो वह विश्वविद्यालय से संपर्क कर सकता है।
कार्यक्रम में प्रति कुलपति प्रो. (डॉ.) रमाकांत, चिकित्सा अधीक्षक डॉ. एस.पी. सिंह, मानसिक रोग विभागाध्यक्ष प्रो. (डॉ.) अरुण कुमार मिश्रा तथा विश्वविद्यालय के संकाय सदस्य मौजूद रहे।
