सैफई (इटावा) : किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी लखनऊ के हड्डी रोग विभाग की ओर से अटल बिहारी वाजपेयी साइंटिफिक कन्वेंशन सेंटर में आयोजित आठवें आर्थोस्कोपी सम्मेलन में शनिवार को उत्तर प्रदेश आयुर्विज्ञान विश्वविद्यालय सैफई के कुलपति प्रो. (डॉ.) अजय सिंह विशिष्ट अतिथि के रूप में शामिल हुए। इस अवसर पर आर्थोस्कोपी की नई तकनीकों पर विस्तार से चर्चा हुई।

कुलपति प्रो. अजय सिंह ने बताया कि अब गहरे घावों के उपचार के लिए सिंथेटिक ग्राफ्ट उपलब्ध हो गए हैं। इनके प्रयोग से घाव तेजी से भरते हैं और मरीजों को इलाज के दौरान अतिरिक्त कठिनाइयों का सामना नहीं करना पड़ता।

उन्होंने कहा कि कैंसर, जलने या गंभीर हादसों में जहां शरीर की मांसपेशियां क्षतिग्रस्त हो जाती हैं, वहां पहले अन्य हिस्सों से मांसपेशियां या लिगामेंट लेकर प्रत्यारोपण किया जाता था। लेकिन अब सिंथेटिक ग्राफ्ट आसानी से फिट हो जाते हैं। यह तकनीक विशेष रूप से 18 वर्ष से कम उम्र के बच्चों और बुजुर्गों के लिए अधिक लाभकारी है।

सम्मेलन में लाइव कैडेवरिक सर्जरी सत्र का आयोजन किया गया। इसमें सात आर्थोस्कोपिक ऑपरेशन प्रदर्शित किए गए। विशेषज्ञों ने बताया कि दूरबीन विधि से चोटों की सटीक सर्जरी संभव है। इस तकनीक से मरीजों को कम दर्द होता है और वे जल्दी स्वस्थ हो जाते हैं। खिलाड़ियों के लिए भी यह पद्धति अत्यंत उपयोगी मानी गई।
