सैफई (इटावा) : समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा कि अब उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को आउटसोर्स करने की जरूरत है।
अपने पैतृक गांव सैफई में समाजवादी समर्थकों से मुलाकात के बाद पत्रकारों से बात करते हुए अखिलेश यादव ने कहा कि आप चाहे आउटसोर्सिंग के भरोसे की बात कही जाए या किसी ओर की वास्तव में अब उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को ही आउटसोर्स करने की जरूरत है।
अखिलेश यादव ने कहा कि आगामी 2027 का विधानसभा चुनाव जनता का बदलाव लाने वाला जनादेश साबित होगा। उन्होंने कहा कि जब भाजपा जाएगी तभी आरक्षण बचेगा, संविधान सुरक्षित रहेगा, गरीबों को सम्मान मिलेगा। विकास तभी होगा, इलाज गरीबों को तभी मिलेगा, रोजगार तभी मिलेगा। यही हमारी जनता की अपेक्षा है।
समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष व पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा कि जब जीएसटी लागू किया गया था, तो यह दावा किया गया था कि इससे व्यापारिक व्यवस्था सरल होगी और कारोबारियों को फायदा पहुंचेगा लेकिन अब भाजपा सरकार गरीबों को राहत देने के नाम पर जीएसटी स्लैब में बदलाव करने को मजबूर हो चुकी है।
उन्होंने सवाल उठाए कि यह बदलाव असल में किसके हित में किया जा रहा है।
यादव ने भाजपा सरकार पर तीखा हमला बोलते हुए कहा कि जीएसटी लागू होने के समय यह वादा किया गया था कि इससे कारोबारियों को सरल व्यवस्था मिलेगी और व्यापार को बढ़ावा मिलेगा लेकिन अब सरकार ने गरीबों के हित के नाम पर जीएसटी स्लैब में बदलाव करने की स्थिति स्वीकार की है।
उन्होंने सवाल किया कि आखिरकार अब तक कौन मुनाफा कमा रहा था और किसको फायदा पहुंचाया जा रहा है।
अखिलेश यादव ने कहा, “अब चुनाव तक लगभग एक साल का समय बचा है। हम भाजपा सरकार के नौ बजट देख चुके हैं, आखिरी बजट आने वाला है। दिल्ली की सरकार तीसरी बार चल रही है। फिर भी हालात खराब होते जा रहे हैं। हर बार यह बताया गया कि जीएसटी से व्यापार बेहतर होगा, लेकिन इसके उलट अब कई संशोधन करना पड़े। गरीबों को लाभ पहुंचाने के नाम पर स्लैब में बदलाव किया जा रहा है।”
उन्होंने कहा कि मुनाफाखोरी की आदतें इतनी गहराई से जड़ें जमा चुकी हैं कि कोई भी संशोधन उसे नहीं रोक सकता। उदाहरण देते हुए अखिलेश यादव ने कहा, “पारले जी का बिस्किट, साबुन का पैकेट, क्रीम का डिब्बा छोटे कर दिए गए थे। क्या अब ये बड़े पैकेट में वापस आएंगे? भाजपा राज में मुनाफाखोरी की आदतें इतनी गहरी हो चुकी हैं कि उनका कोई इलाज नहीं है।”
किसानों की खाद न मिलने की समस्या पर उन्होंने स्पष्ट किया, “डीएपी खाद किसानों को नहीं मिल पा रही है। इसका कारण यह है कि पीडीए के लोग ही बड़े पैमाने पर खेती कर रहे हैं। इसलिए उपलब्ध नहीं कराई जा रही है जबकि गांव का गरीब किसान, जो मेहनत करके खेत में काम करता है, उसे यह खाद नहीं मिल रही।”
उन्होंने कहा कि सरकार के पास कीटनाशक दवाइयां महंगी हो गई हैं, खाद उपलब्ध नहीं हो रही है। बाढ़ से हुए नुकसान की भरपाई भी सरकार अभी तक नहीं कर पाई। यह स्थिति किसानों की आय दोगुनी करने की बजाय पूरी तरह से बिगाड़ रही है।”
अमेरिकी टैरिफ पर कटाक्ष करते हुए उन्होंने कहा, “हमारे भदोही कारपेट, मुरादाबाद, मेरठ, फिरोजाबाद सहित तमाम एक्सपोर्ट सेक्टर पर पाबंदी लग गई है। यह उद्योग पहले विश्व स्तर पर पहचान रखते थे। लेकिन अब अमेरिकी टैरिफ ने इनके कारोबार को रोक दिया है। ऐसा लग रहा है कि भाजपा नेताओं के मुंह पर खुद टैरिफ लग गया हो, क्योंकि इस पर कोई जवाब नहीं दिया जा रहा।”
इकाना स्टेडियम को लेकर सवाल किए जाने पर अखिलेश यादव ने व्यंग्यपूर्वक कहा कि जब मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ इकाना स्टेडियम में जाते हैं, तो जनता वहां से भाग जाती है। यह स्टेडियम समाजवादी सरकार ने बनवाया था, लेकिन भाजपा सरकार इसे चालू नहीं कर सकी। अगर सैफई का स्टेडियम चालू होता तो यहां भी खेल आयोजन होते। लेकिन भाजपा सरकार न तो इसे चालू कर रही है और न ही मैच करवा रही है।
अखिलेश यादव ने स्पष्ट किया कि आगामी 2027 का विधानसभा चुनाव जनता का बदलाव लाने वाला जनादेश साबित होगा। उन्होंने कहा कि जब भाजपा जाएगी तभी आरक्षण बचेगा, संविधान सुरक्षित रहेगा, गरीबों को सम्मान मिलेगा। विकास तभी होगा, इलाज गरीबों को तभी मिलेगा, रोजगार तभी मिलेगा। यही हमारी जनता की अपेक्षा है।
मालूम हो शनिवार को अखिलेश यादव से कन्नौज के पार्टी कार्यक्रम में भाग लेने के बाद सैफई स्थित अपने आवास पहुंचे थे और देर शाम आगरा एक कार्यक्रम में शामिल होने गए थे वहां से रात वापस आने के बाद विश्राम सैफई में किया था। रविवार को सुबह पार्टी कार्यालय व भलासैया गांव में पहुंचकर कार्यकर्ताओं से मुलाकात की और भाजपा सरकार की नीतियों की विफलताओं पर विस्तार से चर्चा की। इसके बाद वे लखनऊ के लिए रवाना हो गए।
