सैफई : उत्तर प्रदेश आयुर्विज्ञान विश्वविद्यालय सैफई के अंतर्गत संचालित पैरामेडिकल विज्ञान महाविद्यालय में सोमवार को रक्तदान शिविर का आयोजन किया गया। यह शिविर ट्रांसफ्यूजन मेडिसिन विभाग में तकनीकी अधिकारी डॉ. राकेश कुमार मीणा के जन्मदिन के उपलक्ष्य में आयोजित किया गया। इस अवसर पर डॉ. मीणा ने स्वयं रक्तदान कर समाज के प्रति अपनी जिम्मेदारी का परिचय दिया।
शिविर का शुभारंभ पैरामेडिकल कॉलेज के डीन डॉ. जितेंद्र कुमार मथुरिया ने किया। उन्होंने कहा कि रक्तदान सबसे बड़ा मानवीय कार्य है, जो न केवल दूसरों का जीवन बचाता है, बल्कि समाज में सकारात्मक संदेश भी देता है। ऐसे आयोजनों से विद्यार्थियों में सेवा और जागरूकता की भावना विकसित होती है।
शिविर में ब्लड बैंक विभाग अध्यक्ष आदित्य शिवहरे भी मौजूद रहे। इन सभी ने शिविर के संचालन में सहयोग प्रदान किया और विद्यार्थियों को रक्तदान के लिए प्रेरित किया।
डॉ. राकेश मीणा ने बताया कि विश्वविद्यालय परिसर में 1 जुलाई से रक्तदान जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है, जिसके तहत पैरामेडिकल कॉलेज की विभिन्न कक्षाओं में जाकर छात्रों को रक्तदान के महत्व के बारे में जानकारी दी गई। इसी क्रम में आयोजित शिविर में कॉलेज की 100 से अधिक छात्राओं ने रजिस्ट्रेशन कराया, जिनमें से आधे से अधिक ने रक्तदान किया।
उन्होंने कहा कि उनके परिवार में हर साल तीन अवसरों—1 जनवरी (पत्नी का जन्मदिन, 4 मई दोनों बेटियों का जन्मदिन और 4 अगस्तस्वयं का जन्मदिन—पर रक्तदान करना परंपरा बन चुकी है। उन्होंने कहा कि इन खास दिनों को वे समाज की सेवा के रूप में मनाते हैं।
डॉ. मीणा ने बताया कि उनकी टीम, जिसमें बृजेश यादव, अवध किशोर दीवान, दीपा सहित अन्य सदस्य शामिल हैं, अब तक 15 से 20 बार रक्तदान कर चुकी है। यह टीम निरंतर स्कूलों और कॉलेजों में जाकर जागरूकता शिविरों के माध्यम से रक्तदान अभियान को बढ़ावा देती रही है। उन्होंने जानकारी दी कि विश्वविद्यालय की ब्लड बैंक में नियमित रूप से 500 यूनिट रक्त की उपलब्धता बनाए रखी जाती है ताकि आपात स्थिति में जरूरतमंद मरीजों को समय से रक्त उपलब्ध कराया जा सके। विगत सात माह के भीतर उनकी टीम द्वारा करीब 1500 यूनिट रक्त सड़क दुर्घटनाओं में घायल मरीजों को उपलब्ध कराया जा चुका है। शिविर के सफल आयोजन में ट्रांसफ्यूजन मेडिसिन विभाग की टीम की सक्रिय भूमिका रही। शिविर में हिस्सा लेने वाले सभी छात्रों ने इस कार्य को प्रेरणादायक बताते हुए भविष्य में भी रक्तदान करने की इच्छा जताई।
