सैफई : उत्तर प्रदेश आयुर्विज्ञान विश्वविद्यालय, सैफई में बांझपन (इनफर्टिलिटी) की समस्या से जूझ रहे दंपतियों के लिए नई उम्मीद जगी है। विश्वविद्यालय के स्त्री एवं प्रसूति रोग विभाग द्वारा “इनफर्टिलिटी स्पेशल क्लिनिक” की शुरुआत की गई है। इसका उद्घाटन विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. (डॉ.) अजय सिंह ने किया। कुलपति ने कहा कि यह पहल समाज में व्याप्त भ्रांतियों और संकोच को दूर करने में सहायक होगी। बांझपन जैसी समस्या से पीड़ित दंपति अक्सर मानसिक दबाव और सामाजिक ताने-उलाहनों से परेशान रहते हैं। इस क्लिनिक के माध्यम से वे बिना झिझक चिकित्सीय परामर्श, आवश्यक जांच और मनोवैज्ञानिक काउंसलिंग प्राप्त कर सकेंगे। सही समय पर सही दिशा-निर्देश मिलने से दंपतियों को बेहतर उपचार का अवसर मिलेगा।

स्त्री एवं प्रसूति रोग विभाग की विभागाध्यक्ष प्रो. (डॉ.) कल्पना ने बताया कि यह क्लिनिक प्रत्येक गुरुवार को दोपहर 2 बजे से 4 बजे तक चलेगा। इसके लिए कक्ष संख्या 8, 9, 11 और 12 निर्धारित किए गए हैं। उन्होंने कहा कि इस क्लिनिक का उद्देश्य केवल इलाज उपलब्ध कराना ही नहीं है, बल्कि दंपतियों को मानसिक तनाव से भी राहत दिलाना है। बांझपन का इलाज केवल दवाइयों तक सीमित नहीं है, बल्कि इसमें जीवनशैली, मानसिक स्वास्थ्य और विशेषज्ञ मार्गदर्शन की भी अहम भूमिका होती है।

नोडल अधिकारी प्रो. (डॉ.) वैभव कांति ने जानकारी दी कि इस क्लिनिक में स्त्री एवं प्रसूति रोग विभाग के साथ-साथ यूरोलॉजी (मूत्र रोग) और एंडोक्राइनोलॉजी (अंत:स्रावी रोग) विभाग के विशेषज्ञ भी शामिल होंगे। इस तरह एक ही स्थान पर समग्र और बहुआयामी उपचार उपलब्ध होगा। मरीजों को अलग-अलग विभागों के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे।
इस अवसर पर प्रतिकुलपति प्रो. (डॉ.) रमाकांत, संकायाध्यक्ष प्रो. (डॉ.) आदेश कुमार, चिकित्सा अधीक्षक डॉ. एस.पी. सिंह सहित अन्य संकाय सदस्य भी मौजूद रहे। सभी ने इस पहल को जरूरतमंद दंपतियों के लिए महत्वपूर्ण कदम बताया।
चिकित्सा अधीक्षक प्रोफेसर डॉक्टर एसपी सिंह का मानना है कि इस प्रकार की पहल से न केवल चिकित्सा सुविधाओं का दायरा बढ़ेगा, बल्कि ग्रामीण व शहरी दोनों क्षेत्रों से आने वाले मरीजों को लाभ मिलेगा। बांझपन जैसी संवेदनशील समस्या पर खुलकर बात करने और समय पर इलाज लेने की प्रेरणा भी लोगों में बढ़ेगी।
