सैफई (इटावा) : उत्तर प्रदेश आयुर्विज्ञान विश्वविद्यालय, सैफई के पांच संकाय सदस्यों ने किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय (केजीएमयू), लखनऊ में आयोजित राष्ट्रीय कार्यशाला में सक्रिय भागीदारी कर विश्वविद्यालय की शोध गतिविधियों को नई दिशा देने का कार्य किया। यह कार्यशाला 15 से 17 सितंबर तक भारत सरकार के स्वास्थ्य अनुसंधान विभाग के तत्वावधान में मेडिकल रिसर्च यूनिट हेतु नैदानिक परीक्षण विषय पर आयोजित की गई थी।
विश्वविद्यालय की ओर से डॉ. विनय गुप्ता (फार्माकोलॉजी), डॉ. मोनिका श्रीवास्तव (एनाटॉमी), डॉ. रश्मि बुज्झड़े (सामुदायिक चिकित्सा), डॉ. सोमनाथ भट्टाचार्य (श्वसन रोग विभाग) और डॉ. विवेक ओझा (बायोकेमिस्ट्री) ने प्रतिभाग किया।
कार्यशाला के दौरान संकाय सदस्यों ने अपने अभिनव शोध प्रस्ताव भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर), भारत सरकार के विशेषज्ञ पैनल के समक्ष प्रस्तुत किए। विशेषज्ञों ने इन प्रस्तावों को सार्वजनिक स्वास्थ्य सुधार की दिशा में उपयोगी और नवाचारी बताते हुए सराहा। कार्यशाला से संकाय सदस्यों को नैदानिक परीक्षण की नवीनतम पद्धतियों, अनुसंधान की मानकीकृत प्रक्रियाओं और आईसीएमआर के दिशा-निर्देशों की गहन जानकारी प्राप्त हुई।
कुलपति प्रो. (डॉ.) अजय सिंह ने कहा कि इस उपलब्धि से विश्वविद्यालय की शोध गतिविधियों को नई दिशा मिलेगी और यह जनस्वास्थ्य में महत्वपूर्ण योगदान सिद्ध होगी। वहीं, संकायाध्यक्ष प्रो. (डॉ.) आदेश कुमार ने कहा कि कार्यशाला से मिले प्रशिक्षण का लाभ मेडिकल छात्र-छात्राओं और अन्य संकाय सदस्यों को भी मिलेगा।
भविष्य में विश्वविद्यालय इन शोध प्रस्तावों को राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय परियोजनाओं से जोड़कर मूर्त रूप देने का प्रयास करेगा।
केजीएमयू की कुलपति प्रो. (डॉ.) सोनिया नित्यानंद ने उत्तर प्रदेश आयुर्विज्ञान विश्वविद्यालय, सैफई के संकाय सदस्यों की सराहना करते हुए कहा कि ऐसे प्रयास न केवल विश्वविद्यालय की शैक्षणिक छवि को सुदृढ़ करते हैं, बल्कि प्रदेश और देश के स्वास्थ्य क्षेत्र को भी मजबूत आधार प्रदान करते हैं।
