छात्र-गुरु परंपरा को बढ़ावा देने और रैगिंग मुक्त वातावरण बनाए रखने पर जोर
सैफई (इटावा) : देशभर के शैक्षणिक संस्थानों में रैगिंग रोकथाम के संदेश के तहत मंगलवारp को उत्तर प्रदेश आयुर्विज्ञान विश्वविद्यालय, सैफई में राष्ट्रीय रैगिंग विरोध दिवस मनाया गया। इस अवसर पर कुलपति प्रो. डॉ. अजय सिंह ने मां सरस्वती के समक्ष दीप प्रज्ज्वलित कर एंटी रैगिंग सप्ताह (12 से 18 अगस्त) का शुभारंभ किया। कुलपति ने कहा कि रैगिंग केवल कानूनन दंडनीय अपराध ही नहीं, बल्कि यह छात्र-जीवन के सम्मान और सुरक्षित शैक्षिक वातावरण के लिए गंभीर खतरा है। उन्होंने स्पष्ट किया कि एंटी रैगिंग दिवस या सप्ताह महज एक औपचारिक आयोजन नहीं, बल्कि वर्षभर चलने वाली सतत जागरूकता प्रक्रिया का हिस्सा है, जिसका उद्देश्य छात्रों को रैगिंग के खतरों से अवगत कराना, आपसी सम्मान की संस्कृति विकसित करना और विश्वविद्यालय में सशक्त छात्र-गुरु परंपरा को आगे बढ़ाना है।

उन्होंने छात्रों को भरोसा दिलाया कि किसी भी समस्या के समाधान के लिए वे सीधे संवाद करें। बेहतर संवाद ही परिवार जैसे माहौल का निर्माण करता है। कुलपति ने इस दिशा में मेंटर–मेंटी व्यवस्था और वेलनेस क्लिनिक शुरू करने की घोषणा की, ताकि छात्रों की मानसिक, शैक्षणिक और व्यक्तिगत समस्याओं का त्वरित समाधान हो सके। उन्होंने संकाय सदस्यों से भी छात्रों के साथ आत्मीयता और सकारात्मक दृष्टिकोण अपनाने का आग्रह किया।

रैगिंग समिति के अध्यक्ष डॉ. सोमेंद्र पाल ने कहा कि रैगिंग एक निंदनीय कृत्य है, जिसका विश्वविद्यालय में कोई स्थान नहीं है। उन्होंने बताया कि रैगिंग के सामाजिक, शारीरिक, राजनीतिक, आर्थिक, शैक्षणिक और मनोवैज्ञानिक दुष्परिणामों के प्रति छात्रों को जागरूक करने के लिए सप्ताहभर विविध गतिविधियां आयोजित होंगी।

कार्यक्रम का संचालन एमबीबीएस छात्र अभिषेक और एसोसिएट प्रो. डॉ. शवाना ने किया, जबकि अंत में डॉ. नंद किशोर ने सभी का आभार व्यक्त किया। कार्यक्रम में प्रतिकुलपति प्रो. डॉ. रमाकांत, संकायाध्यक्ष प्रो. डॉ. आदेश कुमार, स्टूडेंट वेलफेयर डीन प्रो. डॉ. आलोक दीक्षित, चिकित्सा अधीक्षक प्रो. डॉ. एस.पी. सिंह सहित सभी संकायाध्यक्ष, शिक्षक, कर्मचारी और छात्र-छात्राएं मौजूद रहे।
