आत्महत्या रोकथाम जागरूकता सप्ताह का समापन
सैफई (इटावा) : उत्तर प्रदेश आयुर्विज्ञान विश्वविद्यालय, सैफई में पैथोलॉजी विभाग के तत्वावधान में आयोजित आत्महत्या रोकथाम जागरूकता सप्ताह का सफल समापन हुआ। इस दौरान विश्वविद्यालय के प्रशासनिक भवन के समक्ष मानव श्रृंखला बनाकर “आत्महत्या पर नैरेटिव को बदलना” का सशक्त संदेश दिया गया, ताकि समाज में आत्महत्या को लेकर चल रही गलत धारणाएं और मिथक दूर किए जा सकें।

समापन समारोह में मुख्य अतिथि कुलपति प्रो. (डॉ.) अजय सिंह ने कहा कि आत्महत्या जैसी गम्भीर सामाजिक समस्या से निपटने का पहला कदम स्वयं से संवाद स्थापित करना है। उन्होंने समझाया कि जीवन में सफलता व असफलता दोनों का अनुभव होता है, लेकिन असफलता से भयभीत होकर हार मानने के बजाय सकारात्मक सोच के साथ उसका प्रबंधन करना चाहिए। प्रतिदिन आत्ममंथन से मानसिक तनाव कम होता है तथा आत्मविश्वास में वृद्धि होती है।
कुलपति ने विशेष रूप से विद्यार्थियों को यह सलाह दी कि वे अपने परिवार और मित्रों से नियमित संवाद बनाए रखें, ताकि मानसिक तनाव, अवसाद और नकारात्मक विचारों से सुरक्षित रह सकें एवं समय रहते समस्याओं का समाधान कर सकें।

पैथोलॉजी विभागाध्यक्ष प्रो. (डॉ.) पिंकी पांडेय ने बताया कि इस जागरूकता सप्ताह का उद्देश्य समाज में यह व्यापक संदेश फैलाना था कि “आत्महत्या रोकी जा सकती है।” उन्होंने बताया कि विश्व आत्महत्या रोकथाम दिवस (2024–2026) का त्रैवार्षिक थीम “आत्महत्या पर नैरेटिव को बदलना” विशेष रूप से हानिकारक मिथकों को चुनौती देने, कलंक को कम करने और आत्महत्या पर खुली व सकारात्मक बातचीत को प्रोत्साहित करने के लिए बनाया गया है। इस दौरान विश्वविद्यालय के सर्जरी विभाग, कम्युनिटी मेडिसिन विभाग, स्त्री एवं प्रसूति विभाग सहित सभी विभागों ने विविध साप्ताहिक कार्यक्रम आयोजित किए।

कार्यक्रम में चिकित्सक, शिक्षक व छात्र-छात्राओं ने सक्रिय भागीदारी दिखाई तथा आत्महत्या रोकथाम से जुड़े अपने विचार साझा किए। समापन अवसर पर कुलपति प्रो. (डॉ.) अजय सिंह ने सभी प्रतिभागियों को प्रमाण पत्र देकर सम्मानित किया। इस अवसर पर प्रति कुलपति प्रो. (डॉ.) रमाकांत, संकायाध्यक्ष प्रो. (डॉ.) आदेश कुमार, संकाय सदस्य एवं बड़ी संख्या में मेडिकल छात्र-छात्राएं उपस्थित रहीं।
